नई दिल्ली :- दुनिया भर में इबोला वायरस के बढ़ते कहर को देखते हुए देश में भी इस बारे में दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। कोलकाता के सोनागाछी में सेक्स वर्करों को इस बारे में सचेत किया जा रहा है। उन्हें निर्देश जारी किए गए हैं कि वे अपने ग्राहक चुनने में सावधानी बरतें।
सोनागाछी कलकत्ता का सबसे बड़ा रेड लाइट इलाका है। यहां सेक्स वर्करों से कहा गया है कि वे खास तौर पर अफ्रीकी देशों से आने वाले ग्राहकों से संबंध ना बनाएं।
यहां काम करने वाला एक एनजीओ दुर्बर महिला समन्वय समिति है जो लगभग 13 हजार सेक्स वर्करों के साथ काम करता है। ये लोग सेक्स वर्करों की स्थितियों और लड़कियों को दी जाने वाली ट्रेनिंग के बारे में देखरेख करता है। फिलहाल ये लोग सेक्स वर्करों को इबोला के विषय में जानकारी दे रहे हैं और उनके लक्षणों के बारे में बता रहे हैं ताकि किसी मरीज को पहचाना जा सके।
अफ्रीका बड़ा खतरा

पश्चिम अफ़्रीकी देशों गिनी, सियेरा लियोन और नाइजीरिया में इबोला वायरस के संक्रमण के अब तक क़रीब 930 लोगों की मौत हो चुकी है। लाइबेरिया ने इस बीमारी के चलते आपातकाल घोषित कर दिया है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इबोला एक क़िस्म की वायरल बीमारी है। इसके लक्षण हैं अचानक बुख़ार, कमज़ोरी, मांसपेशियों में दर्द और गले में ख़राश। ये लक्षण बीमारी की शुरुआत भर होते हैं। इसका अगला चरण है उल्टी होना, डायरिया और कुछ मामलों में अंदरूनी और बाहरी रक्तस्राव।
मनुष्यों में इसका संक्रमण संक्रमित जानवरों, जैसे, चिंपैंजी, चमगादड़ और हिरण आदि के सीधे संपर्क में आने से होता है।
अंतिम संस्कार भी ख़तरे से ख़ाली नहीं

बिना सावधानी के इलाज करने वाले चिकित्सकों को भी इससे संक्रमित होने का भारी ख़तरा रहता है।
संक्रमण के चरम तक पहुंचने में दो दिन से लेकर तीन सप्ताह तक का वक़्त लग सकता है और इसकी पहचान और भी मुश्किल है।
इससे संक्रमित व्यक्ति के ठीक हो जाने के सात सप्ताह तक संक्रमण का ख़तरा बना रहता है।
'ग्राहक चुनने में सावधानी बरतें सेक्स वर्कर'
No comments:
Post a Comment